Nobel Prize winners list 2020, Nobel prize में कितनी money मिलती है?विस्तार से जाने,

Nobel prize का नाम ही काफी है, क्योंकि यह पुरस्कार उन विशिष्ट व्यक्तियों को ही प्रदान किया जाता है जो उन क्षेत्रों में अपने द्वारा किए गए कार्यों को निष्ठा पूर्वक करते हैं। या यूं कहें कि उनके द्वारा किया गया कृत्य मानव समाज के लिए महत्वपूर्ण होते है,नोबेल पुरस्‍कार समिति ने स्‍टॉकहोम (स्‍वीडन) में पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की। तो आज हम इस लेख में जानेंगे कि इसकी शुरुआत कैसे और कब हुई ? 2020 में किन किन व्यक्तियों को नोबेल प्राइज दिया गया ? क्या कोई भारतीय विजेता रहा ? नोबेल प्राइज में कितने पैसे मिलते हैं? इसकी शुरुआत कैसे हुई? इसे किसके द्वारा दिया जाता है ? तथा यह किन-किन क्षेत्रों में दिया जाता है ? इन सभी प्रश्नों के जवाब को जानने के लिए इस लेख को ध्यान पूर्वक अवश्य पढ़ें,



नोबेल पुरस्कार किसके द्वारा दिया जाता है? (Nobel prize presented by):


यह अवॉर्ड नोबेल फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है। यह स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की याद में दिया जाता है।अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया था।


उन्हीं की इच्छा थी कि इन पैसे से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जो मानव जाति समाज के लिए बेहतरीन काम करते हैं। अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की संपत्ति की  राशि स्वीडिश बैंक में जमा है।और इस पर जो ब्याज बनता है उससे हर साल नोबेल फाउंडेशन नोबेल प्राइज देता है। पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में शांति के लिए दिया था।

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वर्ष 2020 में नोबेल प्राइज अमाउंट(Nobel prize money):


पुरस्कार केेेेेे तौर पर एक मेडल और 10.0 million स्‍वीडिश क्रोन
जो कि करीब एक लाख 26 हजार अमेरिकी डॉलर या 8 करोड़ 26 लाख भारतीय रुपया होगा।

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नोबेल प्राइज कितने क्षेत्र में दिया जाता है?

इसे 6 क्षेत्रों में दिया जाता है इसकी घोषणा हर साल 12 अक्टूबर तक की जाती है। जिन  क्षेत्रों में यह पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं वह क्षेत्र निम्नानुसार है,

मनोविज्ञान या चिकित्‍सा (साइकॉलॉजी ,या मेडिसिन), भौतिकी (फिजिक्‍स), रसायनविज्ञान (केमेस्‍ट्री), साहित्य (लिटरेचर), शांति (पीस) और अर्थशास्त्र (इकोनॉमिक्‍स)।

बहुत से लोगों का भ्रम होता है कि गणित के क्षेत्र में भी नोबेल पुरस्कार दिया जाता है किंतु यह एक मिथ्या है क्योंकि गणित के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाता गणित के क्षेत्र का नोबेल "एबल पुरस्कार" को कहा जाता है किंतु यह नोबेल प्राइज की श्रेणी में आता ही नहीं आता।

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👉भौतिकी (Physics) के क्षेत्र में नोबेल प्राइज 2020 के विजेता का नाम:

पेनरोज, राइनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया गेज

(Roger Penrose, Reinhard Genzel, Andrea Ghez)

नोबेल पुरस्‍कार समिति ने स्‍टॉकहोम (स्‍वीडन) में 6 अक्‍टूबर 2020 को विजेताओं की घोषणा की। इनमें से रॉजर पेनरोज को आधा प्राइज मिलेगा, जबकि बाकी आधा संयुक्‍त तौर पर गैंजेल और गेज को दिया जाएगा।


किस उपलब्धि के लिए चुना गया:

सबसे बड़ा सवाल तो यही उठता है कि भौतिकी (Physics) के क्षेत्र में किस उपलब्धि के लिए तीन वैज्ञानिकों (रॉजर पेनरोज, राइनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया गेज) को नोबेल प्राइज 2020 के लिए चुना गया? तो आइए जानते है,

 ✨ब्‍लैक होल से संबंधित
✨ आकाशगंगा से संबंधित

रॉजर पेनरोज को क्‍यों चुना गया?

उन्‍होंने बताया था कि ‘ब्लैक होल फॉर्मेशन से जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (सापेक्षता सिद्धांत) को प्रिडिक्ट किया जा सकता है’। मशहूर साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1915 में ये थ्योरी पब्लिश की थी। आइंस्टीन ने इस थ्योरी में बताया था कि भारी-भरकम ऑब्जेक्ट स्पेस और टाइम को बदलते हैं और ये बदलाव हमें ग्रेविटी की तरह महसूस होता है।


राइनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया गेज को क्‍यों चुना गया?

दोनों वैज्ञानिकों ने गैलेक्सी (आकाशगंगा) के केंद्र में मौजूद विशाल द्रव्यमान (supermassive) के कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट की खोज की थी। रॉजर पेनरोज, यूनाइटेड किंगडम से हैं और ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। राइनहार्ड गेंजेल, जर्मनी से हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया (USA) व मैक्‍स प्‍लैंक इंस्‍टीट्यूट फॉर एक्स्ट्रटरेस्ट्रीअल फिजिक्‍स (जर्मनी) से जुड़े हैं। जबकि एंड्रिया गेज अमेरिका से हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया (USA) से जुड़ी हैं।

वह फिजिक्‍स के क्षेत्र में नोबेल प्राइज पाने वाली दुनिया की चौथी महिला हैं।

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👉रसायनशास्‍त्र (Chemistry) के क्षेत्र में नोबेल प्राइज 2020 के विजेता :


इमैनुएल शारपेंतिए और जेनिफर ए. डौडना।
(Emmanuelle Charpentier & Jennifer A. Doudna)


ईमैनुएल शारपेंतिए फ्रांस से हैं। वह बर्लिन (जर्मनी) स्थित मैक्स प्लैंक यूनिट फॉर साइंस ऑफ पैथोजिंस से जुड़ी हैं,जबकि जेनिफर ए. डौडना अमेरिका से हैं। वह यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया (USA) से जुड़ी हैं। इससे पहले तक 5 महिलाओं को केमेस्‍ट्री में नोबेल प्राइज मिल चुका है। अब दो और महिला वैज्ञानिक का नाम इसमें जुड़ गया है। इन दोनों को प्राइज मिलते ही इसकी संख्‍या 7 हो जाएगी।


रसायनशास्‍त्र (Chemistry) के क्षेत्र में किस उपलब्धि के लिए चुना गया?

सबसे बड़ा सवाल तो यही उठता है कि रसायन (chemistry) के क्षेत्र में किस उपलब्धि के लिए नोबेल प्राइज 2020 के लिए चुना गया? तो आइए जानते है,

✨जीनोम एडिटिंग का तरीका खोजने के लिए

(for the development of a method for genome editing)

(जिनोम एडिटिंग को जीन एडिटिंग भी कहते हैं।) इमैनुएल शारपेंतिए और जेनिफर ए. डौडना ने जीन टेक्‍नोलॉजी के लिए अहम टूल CRISPR-Cas9 (क्रिस्पर-कैस 9) विकसित किया। यह जीनोन एडिटिंग तकनीक है। इसे जेनेटिक सीजर्स नाम दिया गया है।इससे जानवरों, पौधों और सूक्ष्म जीवों तक के डीएनए में बदलाव किए जा सकते हैं। इससे कैंसर समेत कई गंभीर और आनुवांशिक बीमारियों का इलाज हो सकेगा।


जीन क्या है? यह क्‍यों महत्वपूर्ण है?

जीन, जीवों में गुणों का स्‍थानांतरण के लिए सबसे छोटी इकाई होती है। प्रत्‍येक जीन किसी खास प्रकार के गुण से संबंधित होता है। जीन के द्वारा एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में गुण का ट्रांसफर होता है।

कोई कैसा दिख रहा है, वह जीन पर ही निर्भर होता है। जैसे किसी पिता की लंबाई एक सामान्य औसत ऊंचाई से कम है तो जाहिर सी बात है कि उसके होने वाले बेटे की ऊंचाई भी लगभग औसत से कम ही होगी क्योंकि यह सब कुछ जिन पर निर्भर करता है जो कि एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी पर ट्रांसफर होता है, बालों का कलर, आंख का कलर वैगैर-वगैरह सभी जिन पर ही निर्भर करता है यदि  इस जीन में बदलाव कर दिया जाए, तो वह गुण विशेषता बदल जाएगी। 

यह जीन अच्‍छे गुण के भी होते हैं, और खराब गुण के भी। जैसे बीमारी पैदा करने वाले जीन भी होते हैं। अक्सर देखा जाता है कि यदि किसी पिता को वर्णांधता है तो 50-60% चांस होता है कि उसके होने वाले पुत्र को भी वर्णांधता हो,इसी जीन में बदलाव करके बीमारी भी ठीक की जा सकती है।

जेनेटिक सीजर का उदाहरण?

मान लीजिए कि हमें एक कुर्ता तैयार करना है कुर्ते के लिए लिया गया कपड़ा को निश्चित आकार मैं काटकर यदि उसे सीन दिया जाए तो वह कपड़े से कुर्ते का रूप ले लेता है इसी प्रकार जेनेटिक सीजर भी कार्य करता है यह जीन में आंशिक बदलाव कर उसके गुण को परिवर्तित करने का कार्य करता है।

जेनेटिक सीजर कैसे काम करता है?

Genetic Caesar को समझने के लिए बेसिक जानकारी होनी चाहिए। कोशिका के अंदर क्रोमोसोम होते हैं। यह क्रोमोसोम, डीएनए और हिस्‍टोन (Histone) प्रोटीन से बने होते हैं। डीएनए की लंबाई 2.2 मीटर तक हो सकती है।

ऐसी कोशिका, जिसे हम देख नहीं सकते हैं, लेकिन उसमें इतना लंबा डीएनए होता है। डीएनए के अंदर बहुत सारे बेस एक दूसरे से जुड़े होते हैं, वही एक समूह बनाकर जीन कर निर्माण करते हैं। अर्थात यह जो डीएनए है, वह बेस पेयर के आपस में जुड़कर बने होते हैं। यह पेयर मूलत: नाइट्रोजन बेस होते है।


विशेष प्रकार के बेस पेयर आपस में मिलकर खास तरह का जीन का निर्माण करते हैं। जैसे : A – T, G – C. तो A एक नाइट्रोजन बेस है, और यह T के साथ जुड़कर बेस पेयर का निर्माण करते हैं। पूरा डीएनए इसी तरह के बेस पेयर से बने होते हैं। सीजर एक तरह का केमिकल है, जो डीएनए को एक विशेष जगह से काटता है।

एक जीन में इसी  कई जेनेटिक कोड हो सकते हैं। सीजर एक तरह का केमिकल है, जो डीएनए को खास जगह से काटने के लिए इस्‍तेमाल होता है। ताकि इच्‍छानुसार जीन को परिवर्तित किया जा सके। जीन के बेस पर को आपस में बदलने या हटानेे पर सारे फंग्‍शंन बदल जाएंगे। जैसे कि कंप्यूटर में यदि प्रोग्रामिंग डाटा को बदल दिया जाए तो वह पिछले प्रोग्राम से अलग ही कार्य करेगा।


उदाहरण के तौर पर–

डायबिटीज के लिए इंसुलिन बैक्‍टीरिया से तैयार किए जाते हैं। जिसमें इकोलाइ बैक्‍टीरिया के जीन में बदलाव कर दिया और तब वह बैक्‍टीरिया अधिक इंसुलिन बनाता है।

यह पहले सुअर से बनता था, इसे सूअर के पैन्‍क्रियाज से निकाला जाता था। अब जेनेटिक इंजीनियरिंग के द्वारा इकोलाइ बैक्‍टीरिया से बनाया जाता है। इसी जेनेटिक सीजर्स की खोज के लिए दोनों वैज्ञानिकों को नोबेल प्राइज मिला है। 

जेनेटिक सीजर्स को HIV, कैंसर या सिकल सेल एनिमिया जैसी बीमारियों के लिये संभावित जीनोम एडिटिंग इलाज के लिए एक आशाजनक तरीके के रूप में भी देखा गया है। बिमारी पैदा करने वाले जीन को निष्क्रिय किया जा सकता है या आनुवंशिक उत्परिवर्तन को सही कर सकते हैं।

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जीन एडिटिंग से सम्बंधित नैतिक चिंताएँ –

जिन एडिटिंग से भविष्य में ‘डिज़ाइनर बेबी’ के जन्म की अवधारणा को और बल मिलेगा। यानी बच्चे की आँख, बाल और त्वचा का रंग ठीक वैसा ही होगा, जैसा उसके माता-पिता चाहेंगे। एक स्त्रोत अनुसार चीन के वैज्ञानिकों ने 2018 में जेनेटिकली मोडिफाइड बेबी पैदा करने का दावा किया था। इस तकनीक का संभावित दुरुपयोग आनुवंशिक भेदभाव पैदा करने के लिये भी हो सकता है।

 मानव भ्रूण एडिटिंग अनुसंधान को पर्याप्त रूप से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, जिससे इसे जीन-एडिटेड बच्चों को बनाने के लिये विभिन्न प्रयोगशालाओं को बढ़ावा मिल सकता है। कृषि के क्षेत्र में भी जीन एडिटिंग अत्यंत विवादास्पद बना हुआ है।

चूँकि यह तकनीक अत्यंत महँगी है अतः इसका उपयोग केवल धनी वर्ग के लोग कर पाएंगे। किसी एक भ्रूण में गलत जीन एडिटिंग से उसके बाद वाली सभी पीढ़ियों का नुकसान होगा। किसी भी भ्रूण में जीन एडिटिंग एक अजन्मे बच्चे के अधिकार का हनन है।


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 👉चिकित्‍सा के क्षेत्र में नोबेल प्राइज 2020 के विजेता:


हार्वी जे ऑल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम राइस

(Harvey J Alter, Charles M Rice, and Michael Houghton)

ये तीनों वैज्ञानिक अमेरिकी हैं। नोबेल पुरस्‍कार समिति ने स्‍टॉकहोम,(स्‍वीडन) में 5 अक्‍टूबर 2020 को विजेताओं की घोषणा की।


किस उपलब्धि के लिए नोबेल हेतु चुना गया:


हमारे मन में सवाल उठता है कि आखिर चिकित्‍सा क्षेत्र में किस उपलब्धि के लिए तीन वैज्ञानिकों (हार्वी जे ऑल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम राइस) को नोबेल प्राइज 2020 के लिए चुना गया? तो आयिये जानते है,

 

हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज


नोबेल पुरस्कार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, ‘इतिहास में पहली बार अब हेपेटाइटिस सी वायरस का इलाज संभव है।अमेरिका के इन तीनों वैज्ञानिकों की खोज से ही पता चला है कि blood-borne hepatitis का major source क्‍या है। इसकी वजह से ब्‍लड टेस्‍ट और नई दवा बनाने में मदद मिली। इन दवाओं से जान बच सकी।

दरअसल, इनकी खोज से पहले, हेपेटाइटिस-ए और बी वायरस की खोज महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन रक्त-जनित (Blood borne) हेपेटाइटिस के अधिकांश मामले अस्पष्ट रह जाते थे। तीन वैज्ञानिकों ने इसके बारे में बताया जो, हेपेटाइटिस सी वायरस की वजह से होता है।


दुनिया में 70 मिलियन केसेज


WHO के अनुसार ने बताया दुनिया में हेपेटाइटिस के 70 मिलियन (7 करोड़) से अधिक मामले हैं। हर साल 400,000 मौतें होती हैं। यह बीमारी पुरानी है और लिवर की सूजन और कैंसर का एक प्रमुख कारण है।

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👉साहित्‍य (Literature) के क्षेत्र में नोबेल प्राइज 2020 के विजेता कौन हैं?


लुइस ग्लूक (Louise Glück)

यह मशहूर कवयित्री (Poetess – पोएटिस) हैं। तथा अमेरिका की निवासी हैं।


क्‍यों चुना गया?


उन्‍हें बेमिसाल काव्य आवाज़ के लिए चुना गया है। यह अवार्ड उनकी 


✨‘शानदार काव्य शैली 


के लिए दिया गया है, जो व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक (यूनिवर्सल) पहचान दिलाती है और जिसमें सादगी भरी सुंदरता का अप्रतिम वर्णन है।

स्वीडिश नोबेल कमेटी ने 8 अक्‍टूबर को साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया है।  सभी पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में दिए जाएंगे।


लुईस ग्‍लूक  के बारे में :

उनका जन्‍म 1943 में न्‍यूयॉर्क में हुआ था। वह 77 वर्षीय हैं, वह वर्तमान में कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में रहती हैं। लेखन के अलावा, वह येल विश्वविद्यालय (USA) में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं।अमेरिका की लुइस को नोबेल प्राइज उनकी बेमिसाल काव्य आवाज़ के लिए दिया गया है। लुइस कविताओं में साफगोई के लिए जानी जाती हैं।

उन्होंने बचपन, पारिवारिक जिंदगी, माता-पिता के बच्चों के साथ रिश्ते जैसे विषयों पर संजीदा कविताएं लिखी हैं। लुइस सारा लॉरेंस कॉलेज और कोलंबिया विश्वविद्यालय में कई बार कार्यक्रम में भाग ले चुकी हैं।


लुईस की उपलब्धियां


ग्लूक ने कई पुस्तक लिखी हैं। उनकी पहली किताब, फर्स्टबोर्न (1968) थी, जो काव्‍य संग्रह थी। इसके बाद से वे अमेरिका की जानी-मानी समकालीन साहित्यकार बन गईं। अन्‍य बुक – द हाउस ऑन मार्शलैंड, द गार्डन (1976), अवरोही चित्र (1980), द ट्रायम्फ ऑफ अकिलिस (1985), अरार्ट (1990) हैं। उनकी पुस्‍तक द वाइल्ड आइरिस (1992) को पुलित्जर अवार्ड मिल चुका है। ग्लूक ने कविता के 12 संग्रह और कविता पर निबंध के कुछ संस्करणों को प्रकाशित किया है।

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👉शांति का नोबेल प्राइज 2020:(Peace nobel prize2020)

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP)

इस बार 318 लोगों को नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया था। ग्रेटा थनबर्ग, WHO, न्‍यूजीलैंडी की पीएम, रूस में अपोजीशन लीडर एलेक्‍सी नैवेल्‍नी, यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्‍ड ट्रंप, व्‍लादिमीर पुतिन……….आदि।


कहां दिया जाता है नोबेल पीस प्राइज?


यह नार्वे की राजधानी ओस्‍लो में दिया जाता है दरअसल, फिजिक्‍स, केमेस्‍ट्री, लिटरेचर, इकोनॉमिक्‍स का नोबेल प्राइज समारोह स्‍वीडेन की राजधानी स्‍टॉकहोम में होता है। लेकिन नोबेल शांति पुरस्‍कार का अवार्ड सेरेमनी नार्वे की कैपिटल ओस्‍लो में होता है।


नोबेल पीस प्राइज को चयन कौन करता है?


यह नॉर्वे के लोग डिसाइड करते हैं। नॉर्वे की आबादी 50 लाख है। इसके पार्लियामेंट के थ्रू पांच मेंबर की कमेटी बनती है, वह तय करते हैं कि नोबेल पीस प्राइज किसे मिलेगा।


विजेता को कैसे चुना जाता है ?


इस बार कुल 318 सदस्य Nobel peace prize के लिए थे,इसे बहुत से लोग नॉमिनेट कर सकते है,इसमें कैंडीडेट बनना बड़ी बात नहीं है। अगर आप नॉर्वे के पॉलिटीशियन हैं, वहां के कॉलेज के प्रोफेसर हैं या पहले आपको नोबेल प्राइज मिल चुका है, तो आप नोबेल पीस प्राइज के लिए किसी को नॉमिनेट कर सकते हैं।

नोबेल शांति पुरस्‍कार 2020


नॉर्वे की नोबेल कमेटी की अध्यक्ष बेरिट राइस एंडर्सन ने 9 अक्‍टूबर को घोषणा की। उनके अनुसार 2019 में 88 देशों के करीब 9.7 करोड़ लोगों तक वर्ल्ड फूड प्रोग्राम से सहायता पहुंची। कमेटी ने कहा, “भूख को युद्ध और संघर्ष के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए की जा रहीं कोशिशों में वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम ने अग्रणी भूमिका निभाई है। उसके चलते ही इस संगठन को नोबेल दिया गया है।

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम क्‍या है?


वर्ल्ड फूड प्रोग्राम संगठन संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशंस) की फूड प्रोग्राम से जुड़ी शाखा है।इसकाा मुख्‍यालय रोम में है। यह संगठन साल 1961 से दुनियाभर में भूख (Hunger) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा ऐसा संगठन है, जो इमर्जेंसी के हालत में जरूरतमंदों को खाना खिलाता है।


ईसने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को युद्धग्रस्त क्षेत्रों में भूख को हथियार बनाने के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया है। यह वर्तमान में दुनिया के 80 देशों में काम कर रहा है। यह भारत में भी कार्य करता है । भारत में जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने के सरकारी प्रयास में मदद करता है।

कुछ देशों में जैसे यमन, और युद्धग्रस्‍त अफ्रीकी देशों में लोगों को खाना पहुंचाता है। ISIS जैसे संगठन कई बार फूड सप्‍लाई को चोक कर देते हैं, ताकि जनता में दिक्‍कत महसूस हो और सरकार के खिलाफ आवाज बन सकें। ऐसे में एक संगठन इमर्जेंसी में फूड पहुंचा रहा है, तो भविष्‍य में विवाद का खतरा कम हो जाएगा। 2015 में United Nations sustainable development goal के  तहत भुखमरी मिटा देने का गोल बनाया गया था । वर्ल्ड फूड प्रोग्राम का काम यही है कि भुखमरी न हो, लोगों के पास कम से कम खाने को कुछ हो।


वर्तमान साल 2020 में क्या किया?

साल 2020 में कोरोना वायरस की महामारी ने दुनिया को अपनी जद में ले लिया, तब WFP ने सबसे भूलभूत जरूरत को अपना हथियार बनाया। भूख की वजह से इस साल जान गंवाने वाले लोगों की संख्या में भारी इजाफा हो गया। ऐसे में WFP ने अपनी कोशिशों को और तेज कर दिया।

संगठन का कहना है कि जब तक इस वायरस से लड़ने के लिए मेडिकल वैक्सीन नहीं आ जाती। खाना ही इसके खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने दुनिया के 10 करोड़ से ज्यादा भूखे बच्चों और महिला-पुरुषों की मदद में ताकत लगा दी।

भारत में क्या भूमिका रही:


भारत में WFP अब सीधे खाद्य सहायता देने के बजाय भारत सरकार को तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण सेवाएं देता है।

2019 में नोबेल पीस प्राइज किसे मिला था?

 इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को 2019 के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था। उन्हें उनके शांति प्रयासों पड़ोसी देश इरिट्रिया के साथ सीमा विवाद को हल करने में निर्णायक भूमिका के लिए यह पुरस्कार दिया गया। उन्हें इथियोपिया का नेल्सन मंडेला भी कहा जाता है। अबी अहमद अप्रैल 2018 में इथियोपिया के प्रधानमंत्री बने थे।

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👉‍अर्थशास्त्र (Economic Science) के क्षेत्र में Nobel Prize 2020 किसे मिला?


पॉल आर मिलग्रोम Paul R. Milgrom,) और रॉबर्ट बी विल्सन (Robert B. Wilson)


ह दोनों व्यक्ति अमेरिकी हैं।इस अवार्ड का ऐलान 12 अक्‍टूबर 2020 को हुआ। अर्थशास्त्र में

✨‘नीलामी के सिद्धांत में सुधार और नए नीलामी प्रारूपों के आविष्कारों में सुधार’ (for improvements to auction theory and inventions of new auction formats.) के लिए दिया गया।


उन्होंने ऐसी वस्तुओं और सेवाओं के लिए (जैसे कि रेडियो फ्रीक्वेंसी) नए नीलामी प्रारूपों को तैयार किया। जिन्हें पारंपरिक तरीके से बेचना मुश्किल है। उनकी खोजों से दुनियाभर के विक्रेता, खरीदार और करदाताओं को लाभ पहुंचा है।
उन्होंने दिखाया कि बोली लगाने वाले अपने सामान्य मूल्य के नीचे बोलियां क्यों लगाते हैं। दोनों ही वैज्ञानिक अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं।


अर्थशास्‍त्र में नोबेल प्राइज:


आपको बता दें कि इकनॉमिक साइंसेज में प्राइज की स्थापना 1968 में स्वीडन के सेंट्रल बैंक Sveriges Riksbank ने की थी। बैंक ने अपनी 300वीं सालगिरह के मौके पर इस प्राइज का ऐलान किया था।


अर्थशास्‍त्र के क्षेत्र में पहला पुरस्कार 1969 में रगनार फ्रिस्क और जान टिनबर्गेन को दिया गया था।


क्‍या है नीलामी सिद्धांत (what is Auction Theory)?


इसके अनुसार शोधकर्ता बोली लगाने और अंतिम कीमतों के लिए नियमों के परिणामों को समझने की कोशिश करते हैं। यह तय करना मुश्किल है, क्योंकि बोली लगाने वाले दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हैं कि वे खुद क्या जानते हैं। और उनके हिसाब से अन्य बोली लगाने वाले क्या जानकारी रखते हैं।

विल्सन ने सिद्धांत विकसित किया-


इसके अनुसार एक मूल्य जो पहले से तय होता है लेकिन अंत में सभी के लिए समान रहता है। विल्सन ने अपने सिद्धांत के माध्यम से दिखाया कि तर्कसंगत बोली लगाने वाले क्यों अपने सामान्य मूल्य के अपने सर्वश्रेष्ठ अनुमान से नीचे बोलियां लगाते हैं। वे विजेता होने के नुकसान के बारे में चिंतित होते हैं। यानि उन्‍हें ज्यादा भुगतान करने और इससे होने वाले नुकसान की चिंता रहती है।


पॉल आर मिलग्रोम का सिद्धांत-


पॉल आर मिलग्रोम ने एक सामान्य सिद्धांत तैयार किया – जो न केवल सामान्य मूल्यों की अनुमति देता है, बल्कि निजी मान भी रखता है। यह निजी मान बोली हर बोली लगाने वाले के लिए अलग-अलग होता है। उन्होंने कई प्रसिद्ध नीलामी प्रारूपों में बोली प्रक्रिया की रणनीतियों का विश्लेषण किया। जिससे पता चला कि बोली लगाने के दौरान जब लोगों को एक-दूसरे की कीमतों के बारे में जानकारी मिलती है तो एक format से विक्रेता (seller) को high expected revenue) मिलता है।

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कब दिया जाएगा नोबेल पुरस्कार:


इन सभी व्यक्तियों को पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि जो कि 10 दिसंबर को है, को स्पॉटहोम स्वीडन में प्रदान की जाएगी।


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Nobel Prize winners list 2020, Nobel prize में कितनी money मिलती है?विस्तार से जाने, Nobel Prize winners list 2020, Nobel prize में कितनी money मिलती है?विस्तार से जाने, Reviewed by Devendra Soni on अक्तूबर 17, 2020 Rating: 5

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