मिल गया विश्व का 8वा महाद्वीप, आइए जाने world's 8th continent Zealandia के बारे में।

मिल गया विश्व का आठवां महाद्वीप जीलैंडिया। कैसे उत्पन्न हुआ यह महाद्वीप ,क्या है इसके पीछे का सच ? आइए जानते है।

महासागरों की लहरों के नीचे छुपा आठवां महाद्वीप :
ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप से टूट कर ओसेनिया रेंज जिसमें ऑस्ट्रेलिया भी आता है इसी रेंज से अलग होकर एक महाद्वीप का निर्माण हो रहा है या यूं कहे कि जीलैंडिया का जन्म हो रहा है कई हजारों वर्षों पूर्व यह द्वीप डूब गया था जिसका 94% हिस्सा डूब गया है केवल 6% हिस्सा उठा है जिसमें न्यूजीलैंड बसा हुआ है।
इस द्वीप में कई सारे खनिज पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक चीजें मौजूद हैं जिससे इसके आसपास के देश काफी ज्यादा खुश हैं इस द्वीप में वह सारी खूबियां हैं जो एक द्वीप को महाद्वीप की संज्ञा देती है।
विश्व के महाद्वीप :

विश्व में कुल 7 महाद्वीप है।महाद्वीप वह स्थान होता है जो समुद्र से चारों और गिरा हुआ हो यदि वह बहुत बड़ा हो तो उसे महाद्वीप का नाम दे दिया जाता है तथा समुद्र से तीन और से गिरे हुए स्थान को अंतरीप या cape कहते हैं यदि यह स्थान बहुत बड़ा हो तो इसे प्रायद्वीप की संज्ञा दी जाती है जैसे कि हमारा भारत ।इसे उपमहाद्वीप भी कहते हैं। आयीये जाने विश्व के सातो महाद्वीप के बारे में,


 एशिया सबसे बड़ा महाद्वीप है।इसी महाद्वीप पर हमारा भारत है तथा सबसे बड़ी जनसंख्या भी निवास करती है।

अफ्रीका दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है जिसे सभ्यता का पालन या मानव का पालन कहते हैं क्योंकि माना जाता है कि मानव का जन्म अफ्रीका महाद्वीप में ही हुआ है।

उत्तरी अमेरिका विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है जिसे मौजूद सभी देश एक द्वीप है अर्थात सभी स्थल बध्ध नहीं है सभी की अपनी समुद्र तटीय सीमा है।

दक्षिणी अमेरिका विश्व का चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है जिसे सांपों का देश और पक्षियों की नगरी कहते हैं।

आर्केटिक महाद्वीप यह एक गतिशील महाद्वीप है जहां पर कोई नहीं रहता परंतु परीक्षण हेतु वैज्ञानिकों को जाने की अनुमति है इसे गतिशील की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि यह महाद्वीप ग्लेशियर से बना हुआ है जब ग्लेशियर पिघलते हैं तो यह गतिशील अवस्था में होते हैं।

यूरोप महाद्वीप महाद्वीप सबसे विकसित देशों का समूह है इसमें कई सारे देश हैं जो विकसित देश कहे जाते हैं।

ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का सबसे छोटा महाद्वीप है तथा दक्षिण में मौजूद है।

क्या है, कम्युनिस्टों की विचारधारा :

कम्युनिस्ट पार्टी के झंडे में पांच सितारे होते हैं तथा इसका प्रतीक (logo) हसवा होता है जो कि किसान और मजदूर को मानते हैं क्योंकि आर्कटिक में, लोग ही निवास नहीं करते इस वजह से वह अंटार्कटिक द्वीप को दीप की संज्ञा नहीं देते तथा एशिया और यूरोप को भी अलग महाद्वीप नहीं मानते इसे सम्मिलित रूप से यूरेशिया कहते हैं इसीलिए उनके झंडे पर पांच सितारा होता है

अफ्रीका महाद्वीप के दो टुकड़े :

हजारों साल पूर्व पृथ्वी में बिखरे हुए सारे देश पेन जिया महाद्वीप के हिस्सा थे जो भ्रंश होते हुए अलग-अलग द्वीपों में बट गए हैं।
अफ्रीका का पूर्व हिस्सा भी भ्रंस के कारण दो हिस्सों में बांटने जा रहा है आने वाले समय में यह महाद्वीप से अलग हो जाएगा जिस प्रकार अफ्रीका का हिस्सा मेडागास्कर 200000 साल पूर्व अफ्रीका महाद्वीप का हिस्सा था किंतु अब वह पूर्ण रुप से एक द्वीप बन चुका है यह भैंस दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है अफ्रीका के नक्शे में यह साफ देखा जा सकता है कि वहां रेड डॉटेड लाइन होती हैं किंतु हम उस पर कभी ध्यान नहीं देते।
भारत भी था, पहले अफ्रीका का हिस्सा:

कई हजारों साल वर्ष पूर्व भारत का दक्षिणी भाग मेडागास्कर का हिस्सा माना जाता था जो कि तैरते हुए उत्तर की ओर जाने लगा और एशिया के उत्तरी भागों से जाकर टकरा गया जिससे वहां हिमालय का निर्माण हुआ इसके पीछे की वजह टेकटेनिक प्लेटो के मध्य आंतरिक बलों का निर्माण है।

हजारों वर्ष पूर्व कैसा था पृथ्वी:

माना जाता है कि धरती पर मौजूद महादेव तथा महासागर पहले यूं नहीं थे, जैसे आज दिखाई पड़ते हैं पहले यह एक सुपर महाद्वीप था जिसे पेनजिया महाद्वीप के नाम से जाना जाता था जिसमें भृंश के कारण यह अलग-अलग हिस्सों में टूटते गए यह पैनजिया महाद्वीप उत्तर और दक्षिण दो हिस्सों में बट गया, उत्तरी हिस्सा एशिया के नाम से जाना जाने लगा जिसमें यूरोप एशिया और उत्तर अमेरिका महाद्वीप आते हैं दूसरा हिस्सा दक्षिणी हिस्सा गोंडवाना के नाम से जाना जाने लगा जिसमें दक्षिणी देश अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया दक्षिणी अमेरिका और अंटार्कटिक आते हैं।

महाद्वीपों में भ्रंश का कारण :

धरती के नीचे कई किलोमीटर अंदर आंतरिक बलों के कारण विशाल टाइटेनिक प्लेटों में उथल-पुथल चलती रहती है जिसकी वजह से महाद्वीपों में दरार उत्पन्न हो जाता है जो कि समुद्र के साथ तेरते हुए द्वीप से अलग हो जाते हैं उसी प्रकार जीलैंडिया महाद्वीप लगभग 50000000 साल पहले गोंडवाना से अलग होकर समुद्र के नीचे चला गया।

2017 से पूर्व से अलग महाद्वीप नहीं माना जाता था इसे मेडागास्कर की तरह ही छोटा महाद्वीप माना जाता था लेकिन इसमें महाद्वीप का दर्जा पाने वाली वे सारी खूबियां मौजूद हैं जैसे कि 10 लाख किलोमीटर का क्षेत्रफल, स्पष्ट सीमा रेखा और समुद्र से भी मोटी परत। इसी वजह से इसे आने वाले समय में महाद्वीप का दर्जा मिल सकता है।




👆👆👆👆👆👆👆👆👆👆👆👆
मिल गया विश्व का 8वा महाद्वीप, आइए जाने world's 8th continent Zealandia के बारे में। मिल गया विश्व का 8वा महाद्वीप, आइए जाने world's 8th continent Zealandia के बारे में। Reviewed by Devendra Soni on अगस्त 11, 2020 Rating: 5

2 टिप्‍पणियां:

Copyright: GkgyanDev. merrymoonmary के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.